बजट क्या है ?
आने वाले एक साल में अपनी आय और खर्चों का लेख जोखा तैयरी करना या बनाना ही बजट कहलाता है । हमारे जीवन मे बजट का प्रभाव देखने को मिलता है । कही घूमने जाना है या कोई और काम करना है तो उसके हिसाब से अपना बजट बनाते है ।
भारत के संविधान में बजट शब्द का प्रयोग नहीं किया गया है । बजट की जगह पर वार्षिक वितीय विवरण शब्द का प्रयोग किया गया है ।
बजट का अर्थ क्या है ?
बजट शब्द फ्रेंच भाषा के bougette ( little bag ) शब्द से बना है जिसका अर्थ छोटा बैग होता है ।
बजट कितने प्रकार के होते है ।
भारतिय बजट की बात करे तो इसे तीन श्रेणी में विभाजित किया गया है ।
- संतुलित बजट
- अधिशेष बजट
- घाटा बजट
👉संतुलित बजाट :- वैसे बजट को कहते है जिसमे अनुमानित खर्च किसी वित्तीय वर्ष में अपेक्षित आय के बराबर होना चाहिए । कई अर्थशास्त्रियों की माने तो उनका कहना है कि अनुमानित खर्च और आपेक्षित राजस्व को संतुलित करना आसान होता है , लेकिन इस संतुलन की लक्ष्य को पाना उतना ही मुश्किल होता है ।
👉अधिशेष बजट :- जब किसी वित्तीय वर्ष में अनुमानित आय अनुमानित खर्च से अधिक है तो अधिशेष या सरप्लस बजट कहा जाता है ।
👉घटा बजट :-
बजट का उद्देश्य क्या है ?
अपनी आय का अपनी विकास के लिए सही तरीकों से खर्च करना एक मात्र उद्देश्य होता है । भारत सरकार द्वारा पेंश किया जाने वाले बजट का उद्देश्य सामाजिक न्याय और समानता को ध्यान में रखकर बनाया जाता है । साथ ही इस बात का भी खासा ध्यान रखा जाता है कि देश का विकास तेजी से हो क्योंकि की देश की दशा और दिशा तय करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।
स्वतंत्र भारत का पहला बजट किसने पेश किया था ?
भारतीय बजट का इतिहास बहुत पुराना है ।लगभग 150 साल जब अग्रेजी शासन करते थे तब से यह परंपरा चलते आ रही है । 7 अप्रैल 1860 को उस समय के वित्त मंत्री जेम्स विल्सन द्वारा पहली बार पेश किया गया था ।
स्वतंत्र भारत मे पहले वित्त मंत्री आर● के ● षणमुखम ने 26 नवंबर 1947 को केवल साढ़े सात महीने ( 15 अगस्त 1947 से 31 मार्च 1948 तक ) के लिए पेंश किया गया था ।